बरसात के दिनों में अपने गांव या नगर की दुर्दशा का वर्णन करते हुए दैनिक भास्कर के संपादक को एक पत्र लिखें।

बरसात के दिनों में अपने गांव या नगर की दुर्दशा का वर्णन करते हुए दैनिक भास्कर के संपादक को एक पत्र लिखें।

सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक भास्कर, पटना

महाशय मैं आपके लोकप्रिय दैनिक समाचार पत्र ” दैनिक भास्कर ” के माध्यम से बिहार सरकार का ध्यान अपने गांव की व्यवस्था की ओर आकृष्ट करना चाहता हूं। मेरे गांव का नाम ______ है। जो गंगा नदी के ठीक किनारे पर बसा हुआ है। पहले गंगा नदी हमारे गांव से करीब 2 किलोमीटर पर थी लेकिन, कटाव के कारण अब निकट आ गई है। हमारा गांव _____ ब्लॉक में पड़ता है गांव से ब्लॉक तक कच्ची सड़क है। जिस पर ईट बिछी हुई है लेकिन, सड़क के आधे भाग की ईट भी सवारियों के चलने के कारण उखर गई है। जिनके कारण स्वर्गीय सवारियों के लिए जानलेवा साबित हो गई है पिछले वर्ष की वर्षा और बाढ़ ने सड़क को दोनों तरफ से काटकर पगडंडी बना दिया है मेरा गांव इस वर्ष भी कटाव की समस्या से परेशान है गांव में लगभग 10 वर्ष पहले बिजली के खंभे गारे गए थे लेकिन अब तक बिजली की लाइन नहीं दी गई है कटाव के कारण हुई विस्थापितों के बसने की कोई व्यवस्था भी नहीं की गई है इससे लगभग 20,000 की आबादी का यह क्षेत्र तबाही से गुजर रहा है।

हम सभी गांव वाले इस आशा में है कि इस वर्ष सड़क की मरम्मत बरसात से पहले हो जाएगी और गांव के विस्थापितों के व स्नेह एवं बिजली की पर्याप्त व्यवस्था भी की जाएगी।

आपका विश्वास भाजन
महेश गौर
ग्राम _____ , _______
दिनांक ________

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